लेखनी प्रतियोगिता -23-Feb-2023 "सांझ"

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            "सांझ" घर-घर लेकर आती सांझ खुशियों के पैगाम हजार  साँझ होते उड़ते परिंदे रुख़ वो अपने आशियां का करते   होती सांझ द्वार खड़ी माँ रस्ता ...

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